आप की जन्म कुंडली में चंद्रमा किसी भी भाव में 8 अंक के साथ लिखा है , तो आप
की जन्म राशी वृश्चिक है । आप का नाम तो , न, ना , नू , ने , नो ,य , या , यी में से
किसी अक्षर से प्रारम्भ होता हो , तो नाम के आधार पर आप की राशी वृश्चिक है।
आप की राशी , राशी चक्र की आठवीं राशी है | आप की राशी के स्वामी ग्रह हैं
मंगल । राशी स्वामी मंगल होने से आप उर्जावान हैं , लेकिन साथ ही स्वभाव में अहंभाव भी
पाया जाता है । अहं भाव से मुक्ति का प्रयास करना आप के लिये प्रत्येक दृष्टी से हितकर
रहेगा |
वृश्चिक का अर्थ होता है बिच्छु | बिच्छु को देखे तो उस के आगे के भाग में विष नहीं
होता है | उस की शक्ति उस की पूँछ के अंतिम छोर पर बने डंक में होती है । यही प्रभाव
आप के स्वभाव में भी पाया जाता है | सामने से आप बहुत ही सरल दिखाई देती हैं ।
लेकिन यदि कोई आप के स्वाभीमान को चोट पहुँचा दे , तो जैसे ही अवसर मिलता है , आप
पीछे से उस का बदला अवश्य लेती हैं |
राशी स्वामी मंगल होने के कारण मन में स्वाभाविक रूप से काम भाव के प्रति झुकाव
पुरूषों के प्रति आकर्षण बढ़ाता है | लेकिन वृश्चिक राशी की महिलाएं पुरूषों की सही गलत
की परीक्षा करने में कुशल नहीं होती । प्राय : सही को गलत , और गलत को सही समझ
लेती है । वृश्चिक राशी की सभी महिलाओं को अपनी इस कमजोरी को विवके पूर्वक समझना
चाहिये । भावनाओं पर नियन्त्रण रखना चाहिये | विशेषकर अविवाहित महिलाओं को इस
सम्बन्ध में विशेष सावधान रहना चाहिये ।
आप अपनी घर गृहस्थी के संचालन में बहुत कुशल हैं | कई बार इस कुशलता का
कुछ लोग कंजूसी मान कर आप की आलोचना करते हैं , लेकिन अपने परिवार पर खर्च करने
में , और जो आवश्यक है , वह खर्च करने में कोई सोच-विचार नही करती ।
ज्योतिषीय आधार पर वृश्चिक राशी की महिलाओं का यह सामान्य जीवन फल है । कुंडली के अन्य ग्रहों के प्रभाव से फलों में परिवर्तन संभव है । मैं आप के सफल एवं सुखी जीवन की कामना करता हूँ ।