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वृश्चिक राशी की महिलाओं का जीवन फल

आप की जन्म कुंडली में चंद्रमा किसी भी भाव में 8 अंक के साथ लिखा है , तो आप की जन्म राशी वृश्चिक है । आप का नाम तो , न, ना , नू , ने , नो ,य , या , यी में से किसी अक्षर से प्रारम्भ होता हो , तो नाम के आधार पर आप की राशी वृश्चिक है। आप की राशी , राशी चक्र की आठवीं राशी है | आप की राशी के स्वामी ग्रह हैं मंगल । राशी स्वामी मंगल होने से आप उर्जावान हैं , लेकिन साथ ही स्वभाव में अहंभाव भी पाया जाता है । अहं भाव से मुक्ति का प्रयास करना आप के लिये प्रत्येक दृष्टी से हितकर रहेगा |
वृश्चिक का अर्थ होता है बिच्छु | बिच्छु को देखे तो उस के आगे के भाग में विष नहीं होता है | उस की शक्ति उस की पूँछ के अंतिम छोर पर बने डंक में होती है । यही प्रभाव आप के स्वभाव में भी पाया जाता है | सामने से आप बहुत ही सरल दिखाई देती हैं । लेकिन यदि कोई आप के स्वाभीमान को चोट पहुँचा दे , तो जैसे ही अवसर मिलता है , आप पीछे से उस का बदला अवश्य लेती हैं |
राशी स्वामी मंगल होने के कारण मन में स्वाभाविक रूप से काम भाव के प्रति झुकाव पुरूषों के प्रति आकर्षण बढ़ाता है | लेकिन वृश्चिक राशी की महिलाएं पुरूषों की सही गलत की परीक्षा करने में कुशल नहीं होती । प्राय : सही को गलत , और गलत को सही समझ लेती है । वृश्चिक राशी की सभी महिलाओं को अपनी इस कमजोरी को विवके पूर्वक समझना चाहिये । भावनाओं पर नियन्त्रण रखना चाहिये | विशेषकर अविवाहित महिलाओं को इस सम्बन्ध में विशेष सावधान रहना चाहिये ।
आप अपनी घर गृहस्थी के संचालन में बहुत कुशल हैं | कई बार इस कुशलता का कुछ लोग कंजूसी मान कर आप की आलोचना करते हैं , लेकिन अपने परिवार पर खर्च करने में , और जो आवश्यक है , वह खर्च करने में कोई सोच-विचार नही करती ।

  • सोमवार को महत्वपूर्ण कार्य प्रारम्भ करने से बचना हितकर रहेगा । मंगलवार को श्री हनुमत दर्शन , मंगलवार का व्रत , एवं भगवती दुर्गा उपासना आप के लिये बहुत शुभ फलदायी रहेगी । अपने कार्य क्षैत्र में आने वाले अवरोधों से बचने के लिये नियमित रूप से किसी भी मंत्र या स्तौत्र के द्वारा श्री गणेश की उपासना करे ॥
  • काल पुरूष की कुंडली में वृश्चिक राशी अष्टम भाव में पड़ती है । अष्टम भाव से अज्ञात और रहस्य का विचार किया जाता है | यही कारण है , कि आप के मन में किसी भी विषय में खोज करने की , अधिक से अधिक जानने की प्रवृत्ति पाई जाती है । इसी प्रवृति के कारण बन जाती है | इस सम्बन्ध में आप को विवके से काम लेना चाहिये । चंद्रमा आप के लिये बाधा कारक ग्रह है |
  • संतोष की बात यह है , आप जिस भी क्षैत्र में कार्य करेंगी , अपनी जुझारू प्रवृत्ति के कारण उस में मनचाही सफलता प्राप्त कर लेगी। राशी स्वामी मंगल होने के कारण एक सैनिक की मानसिकता आप की सब से बड़ी शक्ति है ।

ज्योतिषीय आधार पर वृश्चिक राशी की महिलाओं का यह सामान्य जीवन फल है । कुंडली के अन्य ग्रहों के प्रभाव से फलों में परिवर्तन संभव है । मैं आप के सफल एवं सुखी जीवन की कामना करता हूँ ।

शुभम्
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