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मेष राशि की महिलाओं का जीवन फल

आप की जन्म कुंडली में चंद्रमा अंक के साथ लिखा है , तो आप की जन्म राशी मेष है।आप के नाम का पहला अक्षर चू , चे ,चो ,ल , ला, ली, लू , ले, लो, अऔर आ में से कोई अक्षर है , तो नाम के आधार पर आप की राशी मेष है। मेष राशी , राशी चक्र की प्रथम राशी है , और स्वामी ग्रह हैं मंगल । ज्योतिष में मंगल को सेनापती माना गया है। मंगल के प्रभाव के कारण आप उर्जावान हैं। दूसरों पर नियन्त्रण और अधिकार रखने की भावना आप का जन्म जात गुण हैं। आप के मन में स्वयं के प्रति आंतरिक रूप से गुरूर का भाव होता है। आप परिश्रमी बहुत हैं। शरीरिक श्रम से जुड़े कार्यो में आप की विशेष रूचि होती है। आप का चेहरा सुन्दर और आकर्षक है। शारीरिक संरचना भी भव्य और प्रभावशाली है। कुल मिलकार आप का व्यतिव एक विशेष प्रकार का प्रभाव रखता है। प्रकति ने आप को जो विशिष्ट गुण दिया है , वह है अपने कार्य में प्रारम्भ से ही जी जान से जुट जाना। कार्य करने की स्वतंत्रता मिलने पर आप सरलता से सफलता प्राप्त कर सकती है। स्वभाव में तेजी बनी रहती है। क्रोध शीघ्र ही आ जाता है , इस पर नियन्त्रण रखना चाहिये। कार्य क्षैत्र (कैरियर) की दृष्टी से मेकेनिकल , खेल कूद , पुलिस , रक्षा , रसायन और चिकित्सा से जुड़े क्षैत्रों में आप विशेष सफलता प्राप्त कर सकती हैं। आप की रूचि तंत्र , मंत्र , ज्योतिष , दर्शन शास्त्र और मनो विज्ञान जैसे विषयों में भी रहती है।
आप के जीवन की सफलता असफलता का दारोमदार बहुत कुछ आप के जीवन साथी पर भी टिका होता है। शरीरिक और मानसिक दृष्टी से मनोनुकूल जीवन साथी मिलने पर ही आप की क्षमताएं प्रकट हो पाती है। ऐसा नहीं होने पर आप शरीरिक और मानसिक दृष्टी से असंतोष का अनुभव करती हैं , और इसी असंतोष के कारण अपनी क्षमताओं का पूर्ण रूप से प्रदर्शन और उपयोग नही कर पाती हैं।
मंगल का प्रभाव आप के मास्तिष्क और कामांग पर पूर्ण रूप से होता है। महिलाओं में मंगल काम भाव का कारक होता है। यही कारण है , यदि पीड़ित और कमजोर न हो , तो स्वाभाविक रूप से शारीरिक सुख भोग की लालसा अधिक पाई जाती है। यही कारण है , कि आप के जीवन में एक योग्य गुरू की , एक मार्गदर्शक की बहुत आवश्यकता है। आप गुरू कृपा से अपनी लालसा और उर्जा को अध्यात्म के माध्यम से परिवर्तित कर सकती हैं। उर्जा के इस परिवर्तन से आप अपने कार्य क्षैत्र में चमत्कारिक सफलता प्राप्त कर सकती है ।
मेष राशी की महिला जातकों को युवावस्था में बहुत सावधान रहना चाहिये , अपनी भावनाओं पर नियन्त्रण रखना चाहिये।

  • आप की राशी के स्वामी ग्रह मंगल है। फिर भी आप को मंगल का रत्न मूँगा नहीं पहना चाहिये। मंगल शुभ होकर बली होने पर मूँगा अहंभाव में वृद्धी करेगा। मंगल अशुभ होकर बली होने पर काम वासना में वृद्धी करेगा। दोनो ही स्थितियां हानि कारक हैं , इसलिए मूँगा धारण करना आप के लिये हितकर नहीं है।
  • भावनाओं के कारक चंद्रमा आप की राशी से चतुर्थ भाव के स्वामी है। इसलिये आप को मित्रों से भावनात्मक सम्बन्धों मे सावधान रहना चाहिये। मित्रों से मित्रता के व्यवहार में भावुकता में आकर लिये गये निर्णय हानि कारक सिद्ध होंगे। इस सम्बन्ध में सावधान रहना चाहिये।
  • गुरू आप के लिये सर्वाधिक शुभ ग्रह है। जीवन को सफल , सुखी , और आनन्दमय बनाने के लिये गुरू ग्रह की उपासना बहुत लाभ प्रद रहेगी। गुरूवार का व्रत करना चाहिये। हल्दी की माला पर “ँग्रां ग्रीं ग्रां सः गुरवे -नमः ” मंत्र की नित्य एक माला जप करना चाहिये। भगवान विष्णु और कृष्ण की उपासना भाग्योदय कारक रहेगी। जीवन में माता-पिता , गुरू और गुरू समान व्याक्तियों का हृदय से सम्मान करना बहुत कल्याणकारी रहेगा। आप को काले और गहरे नीले रंग के वस्त्र धारण नही करना चाहिये। जीवन में विपरीत और कष्ट कारक समय का अनुभव होने पर मंगलवार का व्रत , और “ऊूँ क्रां क्रीं कं सः भौमाय नम: “” मंत्र का रूद्राक्ष की माला पर जप करना शांति कारक रहेगा।

मेष राशी की महिलाओं के लिये ज्योतिषीय आधार पर यह सामान्य फल विचार है। अन्य ग्रहों के प्रभाव के कारण व्यक्तिगत रूप से फलों में परिवर्तन संभव है। मैं आप के सफल , सुखी और आनन्दमय जीवन हेतु प्रार्थना करता हूँ।

शुभम्
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