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कर्क राशी के महिलाओं का जीवन फल

आप की जन्म कुंडली के किसी भी भाव में यदि चंद्रमा चार अंक के साथ लिखा है , तो आप की जन्म राशी कर्क है। आप का नाम ही , हू , हे ,हो , ड , डा , डी , डू , डे और डो में से किसी अक्षर से प्रारम्भ होता है , तो नाम के आधार पर आप की राशी कर्क है। कर्क राशी , राशी चक्र की चौथे नम्बर की राशी है , और आप की राशी के स्वामी है चन्द्रमा ।
ज्योतिष में चंद्रमा को रानी माना गया है। स्पष्ट है , कि यह स्त्री प्रकृति का ग्रह है। चन्द्रमा भावनाओं का कारक ग्रह है। मन की शांति , अशांति , कल्पना शक्ति , और संवेदन शीलता का सम्बन्ध चंद्रमा से ही है | यही कारण है , कि आप बहुत ही भावुक प्रकृति की महिला हैं। आप की कल्पना शक्ति बहुत अच्छी है। आप के स्वभाव में तरलता और सरलता की मात्रा बहुत अधिक है। चन्द्रमा की कलाओं की तरह ही आप की मानसिक स्थिति में भी उतार चढ़ाव चलता रहता है। कभी आप बहुत प्रसन्‍न होती हैं , तो कभी अकारण ही बहुत उदासी और निराशा का भाव आपको मानसिक रूप से अशांत कर देता है। तेज तर्रार और स्वार्थी प्रकृति के लोगों से दूरी बनाकर रखने में ही आप की भलाई है। क्यों कि आप बहुत भावुक और सरल प्रकृति की हैं , इसलिये उनका व्यवहार आप के लिये बहुत पीड़ादायक हो सकता है।
कर्क राशी की महिलाएं शरीरिक रूप से सौभ्य और लावण्यमन्नी व्यतिव की स्वाभिनी होती है। रंग सांवला होने पर भी एक अलग ही कांति और आकर्षण होता है। कर्क राशी की महिलाओं को पति और वैवाहिक जीवन से बहुत अपेक्षाएं रहती हैं। गृहस्थ जीवन की मर्यादाओं का पूरे मनोयोग से पालन करती हैं। पति को पूर्ण सहयोग प्रदान करती है। स्वयं भी शरीरिक संतुष्टि की कामना रखती हैं। कर्क राशी की महिलाओं को इस बात के प्रति बहुत सजग रहना चाहिये, कि उन के पति की संगति , मित्रता गलत प्रवृत्ति के लोगो से नहीं हो पाये।
आप की सब से बड़ी कमजोरी है , आलस्य और लापरवाही । इन पर नियन्त्रण करके आप सभी सपनों को साकार कर सकती है। आप का स्वयं का बौद्धिक स्तर बहुत उन्‍नत होता है , और आप दूसरे विद्वानों का भी बहुत सम्मान करती हैं | आप के मन में अध्यात्म के प्रति सहज आकर्षण और व्यास का भाव है। यह नैसर्गिक व्यास गुरू के माध्यम से शांत होकर आप को मानसिक और आत्मिक आनन्द की अनुभूति करा सकती है।

  • सोमवार और पूर्णिमा का व्रत आप के लिये बहुत उत्तम फलदायी रहता है। साधना उपासना की दृष्टी से भगवान शिव , और मातेश्वरी दुर्गा की उपासना उत्तम फलदायी रहती है।
  • शुक्र आप के लिये बाधा कारक ग्रह हैं। शुक्रवार को महत्वपूर्ण कार्य को प्रारम्भ करने से बचना हितकर रहता है।
  • आप के लिये बहुत आवश्यक है, कि आप भावुकता में आकर कोई महत्वपूर्ण निर्णय नहीं करें। अति प्रसन्‍नता और भावनाओं में बह कर कोई वचन नहीं दें। साथ ही निराशा की स्थिती में भी कोई निर्णय नहीं करें। दोनो ही परिस्थितियों में आप से गलत निर्णय लिये जाने की स्थिती बनती है। इसलिये जीवन भर यह सावधानी अवश्य बरतें।

कर्क राशी की महिलाओं का ज्योतिषीय आधार पर यह सामान्य जीवन फल है। व्यक्तिगत ग्रहस्थिती के अनुसार फलों में परिवर्तन संभव है। मैं आप के स्वास्थ , सफल , और आनन्दमय्‌ जीवन की प्रार्थना करता हूँ।

शुभम्
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