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वृषभ राशी के महिलाओं का जीवन फल

आप की जन्म कुंडली में चंद्रमा 2 अंक के साथ लिखा है , तो आप की जन्म राशी वृषभ है। आप के नाम का पहला अक्षर इ , उ, ए ,ओ, व, वा,वी ,ब वू, और वो , में से कोई अक्षर है , तो नाम के आधार पर आप की राशी वृषभ है। व और ब एक समान माने गये हैं। आप की राशी , राशी चक्र की दूसरे चक्र की राशी है। आप की राशी के स्वामी ग्रह हैं शुक्र | शुक्र स्त्री प्रकृति के ग्रह हैं। ज्योतिष में शुक्र को युवा स्त्री , सौंदर्य , विलासिता , काव्य , कला , सुख भोग , प्रेम और काम सुख कारक माना गया है।
आप में किसी भी बात की गहराई को समझने की , उस की तह तक पहुँचने की विलक्षण क्षमता है। जीवन में आप की सफलता आप के ही प्रयासों और परिश्रम पर निर्भर करती है। इसीलिये आप को “ सेल्फ मेड “ कह सकते हैं। आप में दूसरों के कार्यो का निरीक्षण करने , और उन्हें संचालित करने की अदभुत क्षमता है , इसे पहचान कर इसका सदुपयोग करना चाहिये।
कार्य क्षैत्र की दृष्टी से जीवन में सफलता के लिये लक्ष्य निर्धारण बहुत आवश्यक है। आप के अन्दर कुशलता और क्षमता की कमी नहीं है , मगर लक्ष्य हीनता की स्थिति में इनका उपयोग नहीं कर पायेंगी। इसलिये आप को अपने जीवन में लक्ष्य अवश्य निर्धारित करना चाहिये , तभी अपनी क्षमता का लाभ उठा पायेंगी।
आप एक आदर्श पत्नी और एक आदर्श माँ हैं , फिर भी गृहस्थ जीवन में सुख शांति का अनुभव कम ही हो पाता है। परिवार और घर गृहस्थी से जुड़ी कोई न कोई परेशानी लगी ही रहती है।

  • शुक्र के प्रभाव के कारण आप के चेहरे और शारीरिक संरचना में सहज ही एक विशेष आकर्षण पाया जाता है , जो पुरूषों को अनायास ही आप की ओर आकर्षित करता है। आप की शारीरिक संरचना मजबूत होती है।
  • शनीदेव आप के लिये बाधा कारक हैं। इसलिये शनीवार को विशेष कार्य का प्रारम्भ नहीं करना चाहिये।
  • जीवन में विपरीत और कष्ट कारक समय का अनुभव होने पर शुक्रवार का ब्रत लाभकारी रहेगा। स्फटिक की माला पर “ऊँ द्ां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः ” का नियमित जप बहुत लाभकारी रहेगा। भगवती लक्ष्मी की उपासना आर्थिक उन्‍नती की दृष्टी से बहुत लाभप्रद रहेगी।

वृषभ राशी की महिलाओं का यह सामान्य फल विचार है। निजी कुंडली के ग्रहों की स्थिती के अनुसार फलों में परिवर्तन संभव है। मैं आप के सफल , सुखी और आनन्दमय्‌ जीवन हेतु प्रार्थना करता हूँ।

शुभम्
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