आप की जन्म कुंडली में चंद्रमा किसी भी भाव में 9 अंक के साथ लिखा है , तो आप
की जन्म राशी धनु है । आप का नाम ये , यो , भ, भा , भी , भू, ध , धा , फा , ढा या भे
में से किसी अक्षर से शुरू होता है , तो नाम के आधार पर आप की राशी धनु है।
आप की राशी , राशी चक्र की नवीं राशी है | आप की राशी के स्वामी ग्रह हैं गुरू ।
आप की राशी का चिन्ह घोड़े और मनुष्य का मिश्रित शरीर है जिस में धनुष पर बाण रख कर
लक्ष्य संधान कर रखा है ।
अपना लक्ष्य निर्धारण करना , और उसे प्राप्त करने के लिये तत्परता से प्रयास करना ,
यही आप का प्रधान गुण है । अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में आप निरन्तर गतिमान रहती है ।
राशी स्वामी देवगुरू बृहस्पति के प्रभाव के कारण धर्म कर्म में रूचि , और सब के हित साधन
की भावना स्वभाव का जन्म जात गुण होता है ।
आप को तनाव मुक्त जीवन जीना चाहिये | आप के जीवन के सुख - दुख का सारा
दारोमदार बृहस्पति पर टिका होता है | यदि जन्म के समय गुरू की स्थिती शुभ हो , तो
जीवन बहुत सुखमय व्यतीत होता है , और इसके विपरीत यदि गुरू की स्थिती अशुभ हो , तो
जीवन सुखमय व्यतीत नहीं हो पाता हैं | ऐसी स्थिती में जीवन भर गुरूवार का व्रत , और
गुरू ग्रह के मंत्र का नियमित जप करना चाहिये | ससुराल पक्ष की आर्थिक स्थिति सामान्य
ही रहती है | आर्थिक समस्या का अनुभव होने पर अपने घर की व्यवस्था के अनुरूप ही
चलने का प्रयास करें | माय के से सहायता लेने से बचना हितकर रहेगा |
कार्य क्षेत्र की दृष्टी से शिक्षा का क्षैत्र श्रेष्ठ फलदायी रहता है । शिक्षा के अतिरिक्त
तकनीकी क्षैत्र , चिकित्सा , कला , लेखन , राजनीति और क्लर्क तथा मेनेमेंट का क्षैत्र भी
फलदायी रहता है । कला के क्षैत्र में नृत्य , गायन , धार्मिक प्रवचन , ज्योतिष आदि विषयों में भी अच्छी
सफलता मिलती है ।
ज्योतिषीय आधार पर धनु राशी की महिलाओं का यह सामान्य जीवन फल है । कुंडली के अन्य ग्रहों के प्रभाव से फलों में परिवर्तन संभव है | मैं आप के सफल एवं सुखी जीवन की कामना करता हूँ ।