आप की जन्म कुंडली में चंद्रमा किसी भी भाव में 7 अंक के साथ लिखा है , तो आप की
जन्म राशी तुला है। यदि आप का नाम र, रा , री , रू, रे , रो, त, ति , तू से प्रारम्भ होता
है , तो नाम के आधार पर आप की राशी तुला है।
आप की राशी , राशी चक्र की सातवीं राशी है। आप की राशी के स्वामी ग्रह हैं शुक्र ।
शुक्र के प्रभाव के कारण स्वभाव में स्वाभाविक रूप से ही चंचलता पाई जाती है। तुला का अर्थ होता है , तराजू । न्याय प्रियता , पक्षपात रहित आचरण सामान्य गुण है।
परन्तु किसी भी मामले में अत्यधिक सोच विचार करने की प्रवृत्ति के कारण समय पर निर्णय नहीं
ले पाने की स्वाभाविक कमी भी पाई जाती है।
शुक्र के प्रभाव के कारण रोमांस के प्रति स्वाभाविक रूझान रहता है | किसी से अनुराग
हो जाने पर गर्व अनुभव करती हैं , निडरता और साहस का परिचय देती हैं | कई बार स्वयं भी
पहल करती देखी जाती हैं ।
विवाहित जीवन अपेक्षित रूप से सुख शांति मय व्यतीत नहीं हो पाता है । प्रायः पति का
स्वभाव और व्यवहार आशाओं के विपरीत रहता है । गृहस्थ जीवन में कुछ ना कुछ बाधा और
परेशानी चलती ही रहती है | समय और परिस्थिती के अनुसार स्वयं में परिवर्तन कर लेना ही
सुखी जीवन का मूल मंत्र है | वास्तविकता तो यही है , कि गृहस्थी में , परिवार में , और समाज
में , कही भी अपेक्षित न्याय पूर्ण व्यवहार और सम्मान नहीं मिल पाता है | इस सच्चाई को जान
कर परिवर्तन कर लेना अत्यन्त आवश्यक है ।
तुला राशी की अविवाहित महिलाओं को रोमांस और प्रेम सम्बन्धों के मामले में बहुत सतर्क
और सावधान रहना चाहिये । शुक्र के प्रभाव के कारण पुरूष वर्ग के प्रति सहज और स्वाभाविक
झुकाव व्यवहार में पाया जाता है | इसी सहज प्रकृति के कारण सावधान रहने की आवश्यकता है
। अनुराम , लगाव , और प्रेम सम्बन्ध का अंत सुखद कम ही देखने में आता है ।
कार्य क्षेत्र की दृष्टी से अध्ययन - अध्यापन , न्याय , कानून , मध्यस्थता से सम्बन्धित
कार्य , राजनीति , माडलिंग , जनसंपर्क से जुड़े कार्य सफलता प्रदान करते हैं | स्वभाव की
चंचलता के कारण कार्य के प्रति लापरवाही शीघ्र ही आ जाती है | इस कारण से सफलता और
प्रगति बाधित होती है । लापरवाही को त्याग कर कार्य के प्रति समर्पण ही अपेक्षित सफलता
प्रदान करेगा ।
तुला राशी की महिलाएं स्वाभाविक रूप से ही चतुर और सुरूचिपूर्ण होती हैं | कभी कभी
निजी स्वार्थ पूर्ति की भावना से गुणी और सम्पन्न जनों के प्रति झुकाव हो जाता है । ऐसी स्थिती
में विवके से काम लेना बहुत आवश्यक है , अन्यथा शोषण का शिकार होने की सम्भावना भी
बनती हुई देखी जाती है । स्वास्थ्य की दृष्टी के आप को वनज बढ़ने के प्रति बहुत सतर्क रहना चाहिये | वनज
बढ़ने से और दूसरी कई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं पैदा होने लगेगी | जहां तक सम्भव हो ,
मानसिक तनाव से बचना हितकर रहेगा । पैरों और घुटनों से सम्बन्धित समस्या का अनुभव होने
पर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिये ।
ज्योतिषीय आधार पर कन्या राशी की महिलाओं का यह सामान्य जीवन फल है । कुंडली में अन्य ग्रहों के प्रभाव से फलों में परिवर्तन संभव है । मैं आप के सफल और सुखमय जीवन की कामना करता हूँ।