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कन्या राशी के महिलाओं का जीवन फल

आप की कुंडली में चंद्रमा किसी भी भाव में चंद्रमा 6 अंक के साथ लिखा है , तो आप की जन्म राशी कन्या है। यदि आप का नाम टो , प, पा , पी, पू , पे, पो ,ठ ,ष,ण, मे से किसी अक्षर से प्रारम्भ होता है , तो नाम के आधार पर आप की राशी कन्या है। आप की राशी , राशी चक्र की छठी राशी है | आप की राशी के स्वामी ग्रह हैं बुध। आप की राशी का चिन्ह है एक कन्या । राशी चिन्ह के गुणानुरूप आप की मानसिकता में जीवन भर एक मुवति की मनःस्थिती जैसे ही भावों की झलक बनी रहती है ।
आप के स्वभाव में ही अपने संकल्प के प्रति दूड़ता का भाव पाया जाता है । व्यवहार में सदाचार , और चारित्रिक पवित्रता पर आप का विशेष ध्यान रहता है । विवाहित जीवन में कन्या राशी की महिलाओं का निजी स्वतन्त्रता और स्वच्छन्द व्यवहार की ओर विशेष रूझान रहता है | लेकिन कन्या राशि की महिलाओं को विवाहित जीवन में इस बारे में बहुत सावधान रहना चाहिये | एक सीमा से अधिक स्वच्छन्दता हानि कारक रहती है ।
इस राशी की अविवाहित युवतियों में चंचलता अधिक पाई जाती है | मानसिक चंचलता और वैचारिक रूप से अपरिपक्वता के कारण आसानी से दूसरों के प्रभाव में आ जाती हैं | स्वभाव की इस कमजोरी के प्रति इन्हें बहुत सतर्क और सावधान रहना चाहिये । कन्या राशी की महिओं का गृहस्थ जीवन उतार चढ़ाव भरा रहता है । विवाह से पूर्व पति से जिस सुख संतोष की कामना करती हैं , वह सुख संतोष कम ही मिल पाता है । कई बार पुत्र का व्यवहार भी बहुत निराश करता है | पति और पुत्र के व्यवहार के कारण इन का मन आंतरिक रूप से अशांत रहता है ।
स्वयं का स्वभाव आमोद - प्रमोद प्रिय , और रसीला होता है । घूमने- फिरने का बहुत शौक होता है | सुख सुविधाओं से पूर्ण , और विलासिता पूर्ण जीवन जीना चाहती हैं । परन्तु जीवन में अपनी आकांक्षाओं के अनुरूप संतुष्टि कम ही मिल पाती है। इस सम्बन्ध में देखे अधिकांश सपने , सपने ही रह जाते है । वास्तविक रूप में कम ही सपने साकार रूप ले पात हैं । आप के लिये वचन बहुत महत्वपूर्ण होता है | वचन , वादा , प्रोमिस , बहुत महत्व रखते हैं । यही कारण है , कि आप अपने दिये वचन का पालन दृड़ता से करती हैं | लेकिन आप को दूसरों के वादों पर अधिक भरोसा नहीं करना चाहिये । दूसरों पर आंख बंद करके विश्वास करना आप के लिये हानि कारक हो सकता है ।

  • घर परिवार और पति से सम्बन्धित सुख संतोष की प्राप्त के लिये आजीवन गुरू ग्रह के मंत्र “ ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रां स: गुरवे नमः: ” की एक माला का जप करना चाहिये | हल्दी की माला पर करना अधिका शुभ फलदायी रहता है । गुरूवार का व्रत शुभ फलदायी रहता है ।
  • गुरू ग्रह आप के लिये बाधा कारक बनते हैं | इसलिये गुरूवार को विशेष कार्य प्रारम्भ करने से बचना चाहिये । मंगल ग्रह आप की राशी के स्वामी के लिये प्रबल शत्रु ग्रह हैं । इसलिये लाल रंग के वस्त्र धारण नहीं करना चाहिये ।
  • श्री गणेश की उपासना करें । संकष्ट चतुर्थी का व्रत , श्री गणेश अथर्वशीर्ष का नियमित पाठ बहुत फलदायी रहता है ।

ज्योतिषीय आधार पर कन्या राशी की महिलाओं का यह सामान्य जीवन फल है । कुंडली में अन्य ग्रहों के प्रभाव से फलों में परिवर्तन संभव है । मैं आप के सफल और सुखमय जीवन की कामना करता हूँ।

शुभम्
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