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मिथुन राशी के महिलाओं का जीवन फल

आप की जन्म कुंडली में किसी भी भाव में चंद्रमा यदि 3 अंक के साथ लिखा है , तो आप की जन्म राशी मिथुन है। यदि आप का नाम क , का , की , कु , के, को , घ , छ , ह में से किसी अक्षर से प्रारम्भ होता है , तो नाम के आधार पर आप की राशी मिथुन है। आप की राशी , राशी चक्र को तीसरे नम्बर की राशी है। आप की राशी के स्वामी ग्रह हैं बुध । ज्योतिष में बुध को कुमार माना गया है , इसीलिये आप के स्वभाव में स्वाभाविक रूप से ही बाल सुलभ चंचलता पाई जाती है।
आप की राशी का चिन्ह एक युगल है। आप की राशी का चिन्ह ही प्रकट करता है , कि आप को सहचर्य बहुत पसंद है | अकेलापन आप को उदास कर देता है । आप जिससे भी मित्रता करती हैं , पुरे मन से निभाती हैं | और स्वयं भी ऐसी ही मित्रता की आशा रखती हैं । आप का चेहरा और शरीरिक गठन बहुत आकर्षक होता है | मिथुन राशी की महिलाओं में सामान्य रूप से ही काम सुख के प्रति सहज आकर्षण पाया जाता है। इस सम्बन्ध में अपनी भावनाओं पर नियन्त्रण रखना हितकर रहता है।
स्वास्थ्य की दृष्टी से लिवर , आंत और हृदय सम्बन्धी रोगों से कष्ट के योग बनते हैं । इस सम्बन्ध में सावधानी रखनी चाहिये। कार्यक्षेत्र की दृष्टी से आप के लिये शिक्षा, बैंकिंग , वकालात , लेखन , पत्रकारिता और ज्योतिष के क्षैत्र में बहुत अच्छी सम्भनाएं बनती हैं । गृहस्थ जीवन में आप अपने घर का संचालन बहुत कुशलता से करती हैं | आप अपने सहज और सरल व्यवहार से गृहस्थ जीवन को सुखी और आनन्दमय बनाने का प्रयास करती हैं । मिथुन राशी की महिलाओं को गृहस्थ जीवन में पति का पूर्ण सुख कम ही मिल पाता है। पति के सहयोग की कमी इन महिलाओं के मन को बहुत व्यथित करती हैं ।
मिथुन राशी की महिलाओं को संतान पक्ष की ओर से पूर्ण निश्चिंतता नहीं मिल पाती है। किसी न किसी संतान के कारण कोई न कोई मानसिक अशांति ही रहती है। संतोष की बात यह है , कि कोई एक संतान बहुत योग्य और ध्यान रखने वाली होती है। इसी संतान के कारण वृद्धावस्था सुखमय व्यतीत होती है।

  • आप की सब से बड़ी कमजोरी वैचारिक और मानसिक चंचलता है। इसी के कारण आप समय पर उचित निर्णय नहीं कर पाती हैं। इसी कमजोरी के कारण कई बार जीवन में कष्टों का सामना करना पड़ता है। इस कमजोरी को दूर करने का प्रयास करने पर आप का जीवन सुखमय हो सकता है। आप के जीवन में एक योग्य गुरू की , एक मार्ग दर्शक की बहुत आवश्यकता है। गुरू आप की बौद्धिक क्षमता को आध्यात्म और योग के माध्यम से सही दिशा देकर आप के जीवन सार्थक और सफल बनाने में बहुत सहायक हो सकते हैं | यदि आप को समान आयु के कोई गृहस्थ मित्रवत भाव वाले गुरू मिल जाते हैं , तो आप बहुत भाग्यवान हैं |
  • गुरू ग्रह आप के लिये बाधा कारक हैं , इसलिये गुरूवार को महत्वपूर्ण कार्य प्रारम्भ करने से बचना चाहिये। आप को पुखराज धारण नहीं करना चाहिये।
  • जीवन में समय की विपरीता और कष्टों का अनुभव होने पर संकष्ट चतुर्थी का ब्रत बहुत हितकर रहता है। संकष्ट चतुर्थी का व्रत सदैव करते रहने से जीवन में कष्टों से स्वतः रक्षा होती रहती है। जीवन में तनाव और पति से सुख सहयोग में कमी का अनुभव होने पर आप को गुरूवार का व्रत बहुत शांति प्रदान कर सकता है।

यह मिथुन राशी की महिलाओं का ज्योतिषीय आधार पर सामान्य जीवन फल है। निजी कुंडली में अन्य ग्रहों के प्रभाव से फलों में परिवर्तन संभव है। मैं आप के स्वास्थ , सफल , और आनन्दमय्‌ जीवन की प्रार्थना करता हूँ।

शुभम्
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